Sunday, August 19, 2012

प्यार मिला, ख़ुशी मिली, संसार मिला...
सब कुछ मिला तुम्हें |
उससे पूछो क्या होती है जिंदगी...
जिसने ये सब कुछ खो दिया
सिर्फ पाने को तुम्हे... 

हर पल तेरी यादों में घिरा रहता हूँ |
हर चहरे में तुझे ही ढूढता रहता हूँ |
अब न मुझे सुकून हैं एक पल भी तेरे बिना ||
हर पल तुझसे मिलाने कि ख्वाईश मे लगा रहता हूँ ||
हजारो थे महफ़िल में, फिर तुमने हमारा ही नाम क्यों लिया ||
बड़े-बड़ो को छोड़ कर, तुमने हमें ही सलाम क्यों किया ||
हमने नजरे मिला ली, तो तुमने उसे गुस्ताकी बता दिया ||
तो बताओ फिर तुमने हमारे होठो से लगा वो जाम क्यों पिया ||
आज बहुत दिनों बाद, फिर उस चाँद का इंतजार होगा |
चाँद दिखाते ही, ईद में खोया सारा संसार होगा ||
कैसे मना लू, मैं ईद उसके बिन |
मेरा चाँद तो अब भी मुझसे खफा होगा ||