१>कि देवताओं के देश मैं अशुरों का राज हुवा,
जहाँ गंगा लोगों के ही पापों को धोती रही,
वहां पर अब मदिराओं का अधिकार हुवा ,
खो दिए हाँ लोगों ने भी अपने ही संस्कार ,
और पश्चिम की सभ्यता को बना दिया हैं आधार ,
बची खुची राजनीति ने किया हैं यूँ विनाश ,
कैसे करें हम प्रगति, कैसे करे हम विकास ,
देवताओं के देश में अशुरों का हुवा राज ||
२> भष्टाचारी नेता अब बना रहें है सरकार ,
तो कैसे करे हम उम्मीदें इनसे अच्छें काम की ,
ये तो वो लुटेरे हैं जो लूट रहे माँ को ही ,
और गरीबों के पैसो से ये करते हैं राज भी ,
देश का ही पैसा अब जा रहा विदेशों में ,
काला धन जमा हवा है विदेशों के बैकों में ,
और भारत को गिना गया गरीबों के देशों में ,
तो कैसे करे हम प्रगति, कैसे करे हम विकास ,
देवताओं के देश में अशुरों का हवा राज ||
३> भष्टाचारी ही बड़े हैं देश के हर कोने में ,
देश के सितारे अब जा रहे विदेशों में ,
भष्टाचारीयों से अब देश को बचाना हैं ,
भारत को फिर से यूँ देवभूमी बनाना हैं ||
प्रेम अभिलाषा : ललित बिष्ट